Sunday, February 13, 2011

लोर्का के गीत : अनुवाद विष्णु खरे




मालागुये
मोत शराबख़ाने में
आती-जाती है

काले घोड़े
और फ़रेबी लोग
गिटार के गहरे रास्तों
के बराबर चलते हैं

और समन्दर के किनारे
बुखार में डूबी गँठीली झाड़ियों से
नमक की और औरत के ख़ून की
बू आती है

मौत
आती और जाती है
आती और जाती है
मौत
शराबख़ाने की !

मालागुए-या= एक विशेष प्रकार के स्पानी नृत्य और गीत का नाम

अंग्रेज़ी से अनुवाद : विष्णु खरे-या / फ़ेदेरिको गार्सिया लोर्का



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नए गीत / फ़ेदेरिको गार्सिया लोर्का

तीसरा पहर कहता है-
मैं छाया के लिए प्यासा हूँ
चांद कहता है-
मुझे तारों की प्यास है
बिल्लौर की तरह साफ़ झरना होंठ मांगता है
और हवा चाहती है आहें

मैं प्यासा हूँ ख़ुशबू और हँसी का
मैं प्यासा हूँ चन्द्रमाओं, कुमुदनियों और झुर्रीदार मुहब्बतों से मुक्त
गीतों का

कल का एक ऎसा गीत
जो भविष्य के शान्त जलों में हलचल मचा दे
और उसकी लहरों और कीचड़ को
आशा से भर दे

एक दमकता, इस्पात जैसा ढला गीत
विचार से समृद्ध
पछतावे और पीड़ा से अम्लान
उड़ान भरे सपनों से बेदाग़
एक गीत जो चीज़ों की आत्मा तक
पहुँचता हो
हवाओं की आत्मा तक
एक गीत जो अन्त में अनन्त, दय के
आनन्द में विश्राम करता हो !

अंग्रेज़ी से अनुवाद : विष्णु ख

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चांद उगता है / फ़ेदेरिको गार्सिया लोर्का

जब चांद उगता है
घंटियाँ मंद पड़कर ग़ायब हो जाती हैं
और दुर्गम रास्ते नज़र आते हैं

जब चांद उगता है
समन्दर पृथ्वी को ढक लेता है
और हृदय अनन्त में
एक टापू की तरह लगता है

पूरे चांद के नीचे
कोई नारंगी नहीं खाता
वह वक़्त हरे और बर्फ़ीले फल
खाने का होता है

जब एक ही जैसे
सौ चेहरों वाला चांद उगता है
तो जेब में पड़े चांदी के सिक्के
सिसकते हैं !

अंग्रेज़ी से अनुवाद : विष्णु खरे
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अलविदा / फ़ेदेरिको गार्सिया लोर्का


अगर मैं मरूँ
तो छज्जा खुला छोड़ देना

बच्चा नारंगी खा रहा है
(छज्जे से मैं उसे देखता हूँ)

किसान हँसिए से बाली काट रहा है
(छज्जे से मैं उसे सुन रहा हूँ)

अगर मैं मरूँ
तो छज्जा खुला छोड़ देना !

अंग्रेज़ी से अनुवाद : विष्णु खरे

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हर गीत


हर गीत
चुप्पी है
प्रेम की

हर तारा
चुप्पी है
समय की

समय की
एक गठान

हर आह
चुप्पी है
चीख़ की !

अंग्रेज़ी से अनुवाद : विष्णु खरे
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गुलाब का क़सीदा / फ़ेदेरिको गार्सिया लोर्का

गुलाब ने सुबह नहीं चाही अपनी डाली पर चिरन्तन
उसने दूसरी चीज़ चाही

गुलाब ने ज्ञान या छाया नहीं चाहे
साँप और स्वप्न की उस सीमा से
दूसरी चीज़ चाही

गुलाब ने गुलाब नहीं चाहा
आकाश में अचल
उसने दूसरी चीज़ चाही !

अंग्रेज़ी से अनुवाद : विष्णु खरे
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रोने का क़सीदा / फ़ेदेरिको गार्सिया लोर्का
मैंने अपने छज्जे की खिड़की बन्द कर दी है
क्योंकि मैं रोना सुनना नहीं चाहता
लेकिन मटमैली दीवारों के पीछे से रोने के सिवा कुछ सुनाई नहीं देता

बहुत कम फ़रिश्ते हैं जो गाते हैं
बहुत ही कम कुत्ते हैं जो भौंकते हैं

मेरे हाथ की हथेली में एक हज़ार वायलिन समा जाते हैं

लेकिन रोना एक विशालकाय कुत्ता है
रोना एक विराट फ़रिश्ता है
रोना एक विशाल वायलिन है

आँसू हवा को घोंट देते हैं
और रोने के सिवा कुछ सुनाई नहीं देता !

अंग्रेज़ी से अनुवाद : विष्णु खरे
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नारंगी के सूखे पेड़ का गीत / फ़ेदेरिको गार्सिया लोर्का


लकड़हारे
मेरी छाया काट
मुझे ख़ुद को फलहीन देखने की यंत्रणा से
मुक्त कर !

मैं दर्पणों से घिरा हुआ क्यों पैदा हुआ ?
दिन मेरी परिक्रमा करता है
और रात अपने हर सितारे में
मेरा अक्स फिर बनाती है

मैं ख़ुद को देखे बग़ैर ज़िन्दा रहना चाहता हूँ

और सपना देखूंगा
कि चींटियाँ और गिद्ध मेरी पत्तियाँ और चिड़ियाँ हैं

लकड़हारे
मेरी छाया काट
मुझे ख़ुद को फलहीन देखने की यंत्रणा से
मुक्त कर !


अंग्रेज़ी से अनुवाद : विष्णु खरे
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